क्या येशु आपके सारे पापों का नाश कर सकतां हैं ?


मनुष्य को जिवन मे किए हुए पाप और पुण्य के अनुसार उसको स्वर्ग या नर्क प्राप्त होता है ऐसा येशु मसिह ईसाईयत मे कहते है। येशु मसिह किए हुए पापो को मिटाते है ऐसा बाईबिल कहती है लेकिन इस जनम के बाद अगले जनम मे भी आप इसी पाप पुण्य के चक्र मे अटके रहतें है और हर बार आपको येशु मसिह से आपके गुणाहो की माफी मांगनी पडती। लेकिन मै आपको इस पाप पुण्य के चक्र से मुक्ति दिलाने का उपाय बताउंगा जिससे आप इस चक्र को मात देकर बिना गुनाहो की माफी मांगे निःसंदेह स्वर्ग की प्राप्ती कर सकतें है।
येशु मसीह के अनुसार, आप जो भी कर्म करते है वो अगर परमेश्वर के विपरित करते है तो आपको नरक भोगना पडेगा। लेकिन ऐसा नहीं है, आपने सुना होगा की परमेश्वर की इच्छा के विपरित कुछ नहीं होता, हम जो करते है वो परमेश्वर हमसे करवाते है। लेकिन अगर ऐसा है तो हमने किए हुए पापो का प्रायश्छीत हम क्यो करें। अगर परमेश्वर आपसे पाप करा रहे है तो हम येशु से अपने गुनाहों की माफ़ी की अपेक्षा क्यो करें ।
तो अब नर्क की यातनाओं से हमे कौन बचाएगा, तो वो है एक सत्य मार्ग। सत्य मार्ग जो हमारे पाप पुण्य वाले जिवन चक्र से मुक्ती दिला सकता है। इस चक्र से बाहर निकलते ही हमारे जिवण को मुक्ती मिलेगी और नर्क की यातनाओं से बचेंगे। वो मार्ग जो आपकी आत्मा को परमेश्वर के साथ जोडता है, वो परमेश्वर जो आपको पाप पुण्य के चक्र से मुक्ती दिलाकर आपके जिवण को निष्पाप बना देगा। आपके आने वाले सभी जन्मों मे आप मुक्ती के मार्ग पर चलोगे।
सच्चा परमेश्वर वह होता है जो आपसे प्रेम करे। ऐसे ही एक बार जब एक पुजक ने अपने परमेश्वर से प्रश्न किया की वह तो बोहत बडा पापी है तो उसके गुनाह कैसे माफ होंगे तो परमेश्वर ने उत्तर दिया..
हे अर्जुन! तू मुझमें विश्वास रख, मेरा स्मरण कर, मेरा पूजन करने वाला हो और मुझको प्रणाम कर। ऐसा करने से तु सच्चे परमेश्वर को प्राप्त करेगा, यह मैं तुझसे सत्य प्रतिज्ञा करता हूँ क्योंकि तू मेरा अत्यंत प्रिय है । - गीता 18 : 65
सच्चे जिवीत परमेश्वर श्री कृष्ण ने अपने भक्त अर्जुन को वचन दिया वो उन्हें सबसे प्यारा है और परमेश्वर सबसे ज्यादा उससे ही प्रेम करते है।
तो अर्जुन ने पुछा की मुझसे जो पाप हुए है उनके कारण मै नर्क की यातनाएं नहीं भोगना चाहता तो परमेश्वर ने उत्तर दिया....

संपूर्ण धर्मों को अर्थात संपूर्ण कर्तव्य कर्मों को मुझमें त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्वशक्तिमान, सर्वाधार परमेश्वर की ही शरण में आ जा। मैं तुझे संपूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, तू चिंता मत कर॥ - गीता 18 : 66
यह एक जिवीत सर्वशक्तिमान परमेश्वर परमात्मा के बोल सुनकर अर्जुन धन्य हो गया। उसे उसके पापो से मुक्ती मिल गयी, मुक्ती मिल गयी उन नर्क की कठिन यातनाओं से जो श्री कृष्ण परमेश्वर के नाम से दुर हो गयी।
लेकिन मुर्ख लोग वो है जो इस जिवीत परमात्मा को छोड कर राक्षसो के मार्ग पर चलते है जिन्हे पाप पुण्य के चक्र से मुक्ती नहीं मिलती और अज्ञानी होने के कारण श्री कृष्ण के मार्ग पर वो नहीं चल पाते। श्री कृष्ण एकमात्र जिवीत परमेश्वर है जो आपको अपनी शरण मे लेंगे आपकी कठिनाईयों के एकमेव समाधान जिवीत परमेश्वर श्री कृष्ण ही है। जो लोग श्री कृष्ण से प्यार करते है वो कभी किसी कठिनाई मे नहीं फंसते। जानिए श्री कृष्ण उनके लिएं क्या कहते है।
जो व्यक्ति मुझमे अपने आप को समर्पित करेगा उससे बढ़कर मेरा प्रिय कार्य करने वाला मनुष्यों में कोई भी नहीं है तथा पृथ्वीभर में उससे बढ़कर मेरा प्रिय दूसरा कोई भविष्य में होगा भी नहीं॥ - गीता 18 : 69
लेकिन आप इस जिवित परमेश्वर श्री कृष्ण पर विश्वास रखेंगे, तभी श्री कृष्ण आपका सहयोग करेंगे और पापों से एवम इस चक्र से मुक्त करेंगे। 

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